जिस मनुष्य के अंदर ज्ञान की कमी और ईश्वर में श्रद्धा नहीं होती वो मनुष्य जीवन में कभी भी आनंद और सफलता को प्राप्त नहीं कर पाता

श्रीमद भगवद गीता

ईश्वर ने हमें जो कुछ भी दिया है वही हमारे लिए पर्याप्त है और यही एक अटल सत्य भी है

श्रीमद भगवद गीता

मनुष्य को जीवन की चुनौतियों से भागना नहीं चाहिए और न ही भाग्य और ईश्वर की इच्छा जैसे बहानों का प्रयोग करना चाहिए

श्रीमद भगवद गीता

फल की अभिलाषा छोड़कर कर्म करने वाला पुरुष ही अपने जीवन को सफल बनाता है

श्रीमद भगवद गीता

धरती पर जिस प्रकार मौसम में बदलाव आता है, उसी प्रकार जीवन में भी सुख-दुख आता जाता रहता है।

श्रीमद भगवद गीता

समय से पहले और भाग्य से अधिक कभी किसी को कुछ नही मिलता है।

श्रीमद भगवद गीता

जो व्यवहार आपको दूसरों से पसंद ना हो, ऐसा व्यवहार आप दूसरों के साथ भी ना करें

श्रीमद भगवद गीता

वह व्यक्ति जो सभी इच्छाएं त्याग देता है और ‘में’ और ‘मेरा’ की लालसा और भावना से मुक्त हो जाता है, उसे अपार शांति की प्राप्ति होती है।

श्रीमद भगवद गीता

जीवन न तो भविष्य में है, न अतीत में है जीवन तो बस इस पल में है

श्रीमद भगवद गीता

कर्म के बिना फल की अभिलाषा करना, व्यक्ति की सबसे बड़ी मूर्खता है

श्रीमद भगवद गीता