मेरे शख्शियत का अंदाजा तुम इससे लगा लो
के जहां के नामचीनो के बीच मेरा नाम गूंजता है
आँख उठाकर भी न देखूँ जिससे मेरा दिल न मिले,
जबरन सबसे हाथ मिलाना मेरे बस की बात नहीं।
सुन छोरी देखेगी सपने मेरे चैन खो जाएगा
ऐसे ना देख पगली प्यार हो जाएगा।
जो हमे समझ ही नहीं सका,
उसे हक है हमें बुरा समझने का।
इतना उछला न करो, सारी औकात धरी रह जाएगी,
होंगे सामने जब हम, ये अकड़ काम ना आएगी।
हम तो दुश्मनी भी दुश्मन की औकात देखकर करते हैं
बच्चो को छोड़ देते हैं, और बड़ो को तोड़ देते हैं..।।।
बस खुद्दारी ही मेरी दौलत है
जो मेरी हस्ती में रहती है,
बाकी ज़िन्दगी तो फकीरी है
वो अपनी मस्ती में रहती है।
अभी तो हम मैदान में उतरे भी नहीं,
और लोगों ने हमारे चर्चे शुरू कर दिये!!