आज अपने स्वपन को मैं सच बनाना चाहता हूँ, दूर की इस कल्पना के पास जाना चाहता हूँ
हरिवंश राय बच्चन
मैं यादो का किस्सा खोलू तो, कुछ दोस्त बहुत याद करते है
हरिवंश राय बच्चन
तू ना थकेगा कभी ना थमेगा कभी, तू ना मुड़ेगा कभी, कर शपथ, कर शपथ, अग्रिपथ, अग्रिपथ, अग्रिपथ
हरिवंश राय बच्चन
समझदार इंसान का दिमाग ज्यादा चलता है और मुर्ख इंसान का जूबान ज्यादा चलता है
हरिवंश राय बच्चन
बैठ जाता हूँ मिट्टी पर अक्सर क्योकि मुझे अपनी औकात अच्छी लगती है
हरिवंश राय बच्चन
असफलता एक चुनौती हैं, उसे स्वीकार करो, क्या कमी रह गयी, देखो और सुधार करो
हरिवंश राय बच्चन
नफ़रतों का असर देखो, जानवरों का बँटवारा हो गया, गाय हिन्दू हो गयी, और बकरा मुसलमान हो गया.
हरिवंश राय बच्चन
स्वप्न पर ही मुग्ध मत हो , सत्य का भी ज्ञान कर ले । पूर्ण चलने के बटोही , बाट की पहचान कर ले.
हरिवंश राय बच्चन
मै छुपाना जानता तो जग मुझे साधु समझता शत्रु मेरा बन गया है छल रहित व्यवहार मेरा
हरिवंश राय बच्चन
संघर्ष इंसान को मजबूत बनाता है, फिर चाहे वो कितना भी
कमजोर क्यों न हो
हरिवंश राय बच्चन