पेट ही सबकुछ करवाता है, तभी जाकर के इंसान की ज़िन्दगी बनती है

Milkha Singh

स्वयं की भाषा तथा खेल प्रचार करने में कोई बुराई नही है 

Milkha Singh

आपको तब तक जितने से कोई रोक नहीं सकता, यदि आप रुकने  को तैयार न हो

Milkha Singh

अपने देश की इज़्ज़त को पैसो से  मत तोलिये।

Milkha Singh

यदि आपको देश के लिए खुशी चाहिए, तब आपको आपने लिए दुःखो को पालना होगा

Milkha Singh

मैने दुनियाभर में 80 दौड़ में भाग लिया जिसमे से 77 दौड़ो को जीता

Milkha Singh

जब 1958 में इंग्लैंड में तिरंगा ऊपर चढ़ रहा था, वो पल मेरे लिए  सबसे अलग था।

Milkha Singh

हाथ की लकीरों से ज़िन्दगी नही बनती, हमारा भी कुछ हिस्सा है ज़िन्दगी बनाने का।

Milkha Singh

जब तक आप खुद में ही विश्वास नही करोगे, तब तक वास्तविक दुनिया मे आपके लिए कुछ भी नही होगा।

Milkha Singh

यदि आप संतुष्टि के साथ बिस्तर पर जा रहे हैं तो आपको हर सुबह दृढ़ संकल्प के साथ उठना होगा।

Milkha Singh