ज़िन्दगी तो अपने दम पर ही जी जाती है,दूसरों के कंधों पर तो सिर्फ जनाजे उठाये जाते हैं।
Shaheed Bhagat Singh
देशभक्तों को अक्सर लोग पागल कहते हैं,हमें पागल ही रहने दो हम, पागल ही अच्छे हैं
Shaheed Bhagat Singh
वे मुझे मार सकते हैं,लेकिन वे मेरे विचारों को नहीं मार सकते।।वे मेरे शरीर को कुचल सकते हैं,मेरी आत्मा को नहीं।
Shaheed Bhagat Singh
मैं एक इंसान हूं और जो भी चीजें इंसानियत पर प्रभाव डालती हैं,मुझे उनसे फर्क पड़ता है
Shaheed Bhagat Singh
इस कदर वाकिफ है मेरी कलम मेरे जज्बातों से,अगर मैं इश्क लिखना भी चाहूं तो इंकलाब लिख जाता हूं।
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भगत सिंह ने एक शक्तिशाली नारा ‘इंकलाब जिंदाबाद’ गढ़ा, जो भारत के सशस्त्र संघर्ष का नारा बन गया।
Shaheed Bhagat Singh
राख का हर एक कण मेरी गर्मी से गतिमान है,मैं एक ऐसा पागल हूँ जो जेल में भी आज़ाद है।
Shaheed Bhagat Singh
क्या तुम्हें पता है कि दूनिया में सबसे बड़ा पाप गरीब होना है? गरीबी एक अभिशाप है यह एक सजा है.
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सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाजु-ए-कातिल में है।
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"इंसान तभी कुछ करता है जब वो अपने काम के औचित्य को लेकर सुनिश्चित होता है।"
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